दिल्ली अग्निकांड : शवों की शिनाख्त के लिए रात भर ठंड में ही तड़पते रहे परिजन
दिल्ली के रानी झांसी रोड के अनाज मंडी हादसे में मरने वालों के परिजनों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां रविवार को तमाम पार्टियों और सरकार की ओर से उन्हें लाखों के मुआवजे देने की घोषणा की गई, वहीं इस वक्त उनकी बदहाली में मदद करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है।
दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में अपनों के शवों की शिनाख्त करने के लिए आए परिजन रविवार रातभर ठंड में तड़पते रहे, ताकी सुबह प्रक्रिया शुरू हो तो वह अपनों को पहचान सकें। इस दौरान उन्हें सरकार की ओर से किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली। उनके लिए किसी तरह के इंतजाम नहीं किए गए थे।
दरअसल कल शाम तक जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई थी, उनके शिकाख्त के लिए पुलिस ने परिजनों को सुबह सात बजे आने को कहा था। दुख और परेशानियों से जूझ रहे परिजन घर जाने के बजाए भूखे-प्यासे अस्पताल में ही पड़े रहे। ऐसे में पुलिस की ओर से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
दोबारा आग लगने की खबर से मच गया हड़कंप
इससे पहले सोमवार सुबह उसी बिल्डिंग में दोबारा धुआं उठने की खबर से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था। लोगों को लगा कि इमारत में फिर से आग लग गई है, जिसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई।बताया गया कि इमारत की चौथी मंजिल में आग लगी है। हालांकि दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची तो पता चला कि रविवार को लगी आग ही धधक रही थी उसी में से धुआं उठा था। दमकल की गाड़ियों ने इसके बाद पानी का छिड़काव किया जिससे आग पूरी तरह से बुझ जाए।