Income Tax Calculator 2020: यूं होती है आयकर गणना
आयकर के मोर्चे पर करदाताओं कुछ राहत देते हुए वित्त मंत्री ने आयकर स्लैब में व्यापक बदलाव की घोषणा की है। नए टैक्स सिस्टम में 100 रियायतों में से 70 को खत्म करने के साथ ही कर के कई स्लैब बनाए हैं। नई कर व्यवस्था के तहत, 2.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त रहेगी। 2.5 से पांच लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा, लेकिन 12,500 रुपये की राहत बने रहने से इस सीमा तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत, साढ़े सात से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव किया गया है। पंद्रह लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगान का प्रस्ताव है।
नयी आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नयी व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि 15 लाख रुपए की आय पर पर आयकर दाता यदि किसी प्रकार की छूट या लाभ नहीं लेता है तो उसे एक लाख 95 हजार रुपए का कर देना होगा जबकि पुरानी प्रणाली में दो लाख 73 हजार रुपए का कर देना पड़ता था। इस प्रकार नयी प्रणाली को अपनाने पर 78 हजार का लाभ होगा।
अगर किसी की आय 20 लाख रुपये है। तो नए सिस्टम के तहत उस शख्स पर इस तरह से टैक्स लगेगा-
20 लाख - 15 लाख = 5 लाख का 30 फीसदी- 150000
15 लाख - 12.5 लाख = 2.5 लाख का 25 फीसदी- 62500
12.5 लाख - 10 लाख = 2.5 लाख का 20 फीसदी- 50000
10 लाख - 7.5 लाख = 2.5 लाख का 15 फीसदी - 37500
7.5 लाख- 5 लाख = 2.5 लाख का 10 फीसदी- 25000
5 लाख - 2.5 लाख = 2.5 लाख का 5 फीसदी - 12500
कुल टैक्स - 3,37,500
नई कर व्यवस्था की बात करें तो इसमें NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) की 50 हजार रुपये की छूट मिलती रहेगी।
पुराने टैक्स स्लैब ( आप चाहें तो यह टैक्स स्लैब चुन सकते हैं)
2,50,000 तक की आय पर - शून्य
2,50,001 से 5 लाख तक की आय पर - 5 प्रतिशत
500001 से 10 लाख तक की आय पर - 20 प्रतिशत
1000001 लाख से अधिक - 30 प्रतिशत
नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक है और करदाता चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रह सकते हैं। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि एक बार नई कर व्यवस्था को चुनने के बाद यह व्यवस्था आगामी वर्षों में भी लागू रहेगी। नई कर व्यवस्था में कुछ कटौतियों को हटाने का प्रस्ताव किया गया है। इनमें आवास भत्ता (एचआरए), मानक कटौती, आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत (बीमा प्रीमियम, भविष्य निधि एवं कई पेंशन योजनाओं में योगदान) मिलने वाली छूट शामिल है।